रंजीत संपादक
रुद्रपुर जिलाधिकारी नितिन सिंह :- भदौरिया की हृदयरेखा कही जाने वाली कल्याणी नदी एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखा चुकी है। बीते दिनों भारी बारिश के बाद अटारिया पुल और जगतपुरा क्षेत्र में जलभराव की स्थिति ने प्रशासन को सक्रिय कर दिया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया द्वारा सुबह-सुबह प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करना प्रशासनिक तत्परता का प्रमाण है। उन्होंने जलभराव वाले क्षेत्रों में चूना व दवाओं के छिड़काव के निर्देश देकर संभावित संक्रामक बीमारियों की रोकथाम की पहल की, जो स्वागत योग्य है।लेकिन यह भी स्वीकारना होगा कि कल्याणी नदी का हर वर्ष इस प्रकार उफान पर आना रुद्रपुर की जलनिकासी व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। राज्य निर्माण के शुरुआती वर्षों में जहां इस नदी की चौड़ाई लगभग 100 मीटर थी, वहीं अब अतिक्रमण, अवैज्ञानिक निर्माण और नगर नियोजन की अनदेखी ने इसे नाले जैसा बना दिया है। जगतपुरा और अटारिया क्षेत्र में बार-बार पानी भरना केवल प्राकृतिक कारणों का परिणाम नहीं, बल्कि मानवजनित लापरवाही का प्रमाण ह जनप्रतिनिधियों को भी इस विषय पर राजनीतिक बयानबाज़ी की जगह ज़मीनी समाधान प्रस्तुत करने होंगे। कल्याणी नदी अब चेतावनी दे रही है, इसे अनसुना करना आने वाले समय में और बड़ी आपदा को निमंत्रण देना होगा।समय आ गया है जब प्रशासन को केवल निरीक्षण तक सीमित न रहकर दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कदम उठाने होंगे। नदी पुनर्जीवन, जलनिकासी तंत्र की मजबूती और अतिक्रमण हटाने की ठोस कार्ययोजना बनानी होगी, अन्यथा हर मानसून रुद्रपुर के लिए त्रासदी ही लाएगा।