अजय अनेजा 👉 ब्यूरो चीफ 👉ऊधम सिंह नगर।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग को लेकर एक बार फिर स्थानीय ग्रामीणों ने बड़ा आरोप लगाया है। क्षेत्र में बढ़ती अवैध कटान, जंगली जानवरों की आमद और वन गश्त में ‘शून्य सक्रियता’ को लेकर लोगों में नाराज़गी गहराती जा रही है।
ग्रामीणों ने साफ कहा कि “जंगल लुट रहा है और वन विभाग केवल कागज़ी कार्रवाई कर रहा है”।
बीते कुछ हफ्तों में जंगली जानवरों के खेतों में आने से फसलों को भारी नुकसान हुआ, लेकिन विभाग की ओर से न तो पर्याप्त पेट्रोलिंग की गई और न ही कोई त्वरित राहत प्रक्रिया लागू हुई।
इसके अलावा, जंगल किनारे अवैध लकड़ी कटान और खनन की शिकायतें भी कई बार उठ चुकी हैं, लेकिन लोगों का आरोप है कि वन विभाग मौके पर पहुंचने में हमेशा देर करता है।
वहीं विभागीय अधिकारियों का दावा है कि नियमित गश्त चल रही है और अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मगर ग्रामीणों का कहना है कि जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि तराई का इलाका बेहद संवेदनशील है और यहां मजबूत निगरानी, तकनीकी सर्विलांस और तेज़ कार्रवाई की सबसे ज्यादा जरूरत है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि
गश्त बढ़ाई जाए
अवैध कटान रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं
गांवों में जागरूकता अभियान चलाए जाएं
लोगों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में जंगल और वन्यजीव दोनों पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है




















