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धाकड़ धामी सरकार में 👉 तराई केंद्रीय वन प्रभाग 🥺अधिकारी मस्त लकड़ी तस्कर बेखोफ👉 जंगलों का सफाया जारी

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अजय अनेजा 👉 ब्यूरो चीफ 👉 लालकुआं 👉 बिंदुखत्ता 👉 नैनीताल 👉ऊधमसिंह नगर। ऊधमसिंह नगर जनपद के जंगलों से लकड़ी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। यहां लकड़ी तस्कर वन महकमें को लगातार चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं और तमाम संसाधनों से लेस वन महकमा लकड़ी माफियाओं से पिछड़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि यहां वन महकमा समय-समय पर लकड़ी तस्करों पर कार्रवाई भी कर रहा है। लेकिन भारी भरकम महकमा होते हुए भी वन विभाग जनपद ऊधमसिंह नगर में लकड़ी तस्करी पर अंकुश लगाने में अब तक विफल रहा है।

ऊधमसिंह नगर जनपद के रुद्रपुर के टांडा रेंज में मिशन अंकुश के तहत वन विभाग की टीम द्वारा अलग-अलग जगहों से कई वाहनों को पकड़ा गया, जिनमें वन तस्करों द्वारा खैर, सागौन आदि वनों से अवैध रूप से काटकर ले जाया जा रहा था। इस दौरान वन विभाग ने कई लकड़ी तस्करों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया। लेकिन तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन के जंगलों से वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद लकड़ी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है और वन माफिया बेखौफ होकर पेड़ों पर आरी चला रहे हैं।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वन विभाग लकड़ी तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए दिन-रात सक्रिय है। बावजूद इसके खुद वन महकमें द्वारा पकड़ी गई लकड़ी चोरी की वारदातों के आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में वन माफिया बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं और लकड़ी तस्करी की वारदातों को लगातार अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि वन महकमे की चाक-चौबंद चौकसी के बावजूद आखिर वन तस्कर जंगलों से लकड़ी काटने में कैसे कामयाब हो रहे हैं।

बताया जा रहा है कि लकड़ी तस्करी के इस खेल में जंगलों के आस-पास रहने वाले लोगों के साथ ही वन महकमें के चंद भ्रष्ट कर्मी भी शामिल हैं, जो वन माफियाओं के साथ मिलकर जंगलों को साफ करने में जुटे हुए हैं, जिससे जहां सरकार को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो रहा, वहीं क्षेत्र में पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है।

वहीं तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर डिवीजन के टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के मुताबिक सर्दियों के मौसम में अधिकांश वन तस्कर सक्रिय हो जाते हैं और कोहरे का फायदा उठाकर जंगल में घुसकर लकड़ी तस्करी की घटना को अंजाम देते हैं। उन्होंने बताया कि बीते एक महीने के भीतर उनके नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर सागौन और खैर के गिल्टों से भरे 6 वाहनों को पकड़ा है। पकड़ी गई लकड़ी की कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। साथ ही इस दौरान 6 तस्करों को भी गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया।

वन क्षेत्राधिकारी के मुताबिक लकड़ी तस्करी में कुछ स्थानीय लोग और वन कर्मियों के मिलीभगत होने की सूचना है, जिसकी जांच की जा रही है, यदि जांच में कोई वन कर्मी शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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