रंजीत संपादक
देहरादून, 24 अगस्त 2024, पुलिस द्वारा डाकैती की शिकायत पर सीसीटीवी फुटेज चेक किए जाने के दौरान कांग्रेस नेत्री सोनिया आनंद रावत सीसीटीवी में साफ नजर आई, इसके बाद कांग्रेस नेत्री सोनिया आनंद रावत घटनास्थल के पास चेक हो रहे सीसीटीवी कैमरे के पास पहुंची, जहां दोनों पक्षों में जमकर झगड़ा हुआ। दरअसल मामला देहरादून के डालनवाला थाना क्षेत्र का है, जहां युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंदरियाल लंबे समय से एक 3 बीएचके अपार्टमेंट में साड़ी, लहंगे, रुद्राक्ष और जेमस्टोन का कारोबार चला रही थी, 20 अगस्त 2024 को आरुषि की गैर मौजूदगी में अपार्टमेंट में लगे वाई-फाई कनेक्ट सीसीटीवी कैमरा के मोशन डिटेक्शन फीचर ने आरुषि के मोबाइल पर घुसपैठ का नोटिफिकेशन भेजा। इसके बाद लगभग दोपहर 3:00 बजे आरुषि ने तुरंत 100 नंबर पर कॉल कर मामले की शिकायत दर्ज की, जिसके बाद नाला पानी थाने में मामले की सूचना पहुंची, परंतु नालापानी चौकी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण लुटेरों को लूटपाट करने के लिए पर्याप्त समय मिला।
इस मामले में आरुषि सुंदरियाल ने बताया कि, सोनिया आनंद रावत ने व्यक्तिगत राजनीतिक ईर्षा के कारण उन्हें प्रताड़ित करने हेतु यह सब किया है। 20 अगस्त 2024 दोपहर के समय वह गंभीर रूप से अस्वस्थ होने के कारण हीलिंग टच अस्पताल में थी जब उन्होंने मोबाइल पर सोनिया आनंद रावत को अज्ञात लोगों के साथ अपने लघु उद्योग भवन में घुसते देखा, इसके बाद उद्योग भवन में लगे तीनों कैमरे देखते देखते बंद हो गए। आरुषि ने कहां की “यह अपार्टमेंट मैंने ममता शर्मा से किराए पर लिया हुआ था जो की एक 3 बीएचके अपार्टमेंट है जिसमें से एक कमरे में मैं रहती थी और बाकी जगह व्यवसाय हेतु इस्तेमाल की जाती थी। मेरा निजी एवं व्यवसायिक हर छोटा बड़ा सामान इसी अपार्टमेंट में मौजूद था जिसमें सोनिया आनंद ने अन्य साथियों के साथ घुसकर लूटपाट की और मकान मालिक ममता शर्मा ने भी साथ दिया और लूटपाट के बाद घटनास्थल पर ताला लगा दिया। इसके बाद आरोपित लोगों ने इस लूटपाट पर पर्दा डालने के लिए झूठ फैलाया कि मैंने पिछले 4 महीने से किराया नहीं दिया है इसके बाद मैं डालनवाला थाने में बैंक स्टेटमेंट लेकर पहुंची तो केवल आधे महीने का किराया बकाया पाया गया। सोनिया आनंद रावत की वजह से कांग्रेस पार्टी का नाम खराब ना हो इसलिए मैंने मामले को अपने स्तर पर ही सुल्ताने का प्रयास किया परंतु इस समय मेरा व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक सभी सामान ममता शर्मा, और सोनिया आनंद रावत के कब्जे में ले लिया गया है और मुझे गैर कानूनी तरीके से बेघर कर दिया गया है। 20 अगस्त 2024 से ही में बेघर हूं व अन्य लोगों के आश्रय पर जीवित हू। इस मामले में 21 अगस्त 2024 को मैं देहरादून के एसएसपी अजय सिंह जी से मिली और मामले की जानकारी दी जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने डालनवाला थाने में उचित निर्देश दिए, परंतु सोनिया आनंद रावत के द्वारा राजनीतिक दबाव में नालापानी चौकी पुलिस द्वारा लगातार मुझ पर दबाव बनाकर सोनिया आनंद के पक्ष का मनमाना समझौता करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में अभी तक FIR भी दर्ज नहीं की गई है।
22 अगस्त शाम 6:00 बजे पुलिस द्वारा 10 मिनट के लिए अपार्टमेंट खुलवाया गया जिसमें से तीन वाई-फाई सीसीटीवी कैमरे जिसमें मेमोरी कार्ड लगे हुए थे और रिकॉर्डिंग चल रही थी, माइक्रोसॉफ्ट सर्फेस स्टूडियो टच स्क्रीन लैपटॉप, और सोने चांदी के गहने जिसमें की सोने का नेकलेस सेट, कानों के झुमके, सोने के कंगन, गढ़वाली नथ, चांदी की 6 जोड़ी पाजेब और बिछुए गायब थे, मुझे वहां अपनी 7 बैंक अकाउंट्स चेक बुक्स मिली जिसके साथ व्यावसायिक देनदारों के द्वारा साइन किए हुए कई ब्लैंक चेक भी मौजूद थे जिसमें की मुख्य रूप से ग्लोबल क्लाउड्टेल और सोमेश्वरा कंपनी के साइन किए हुए ब्लैंक चेक भी मौजूद थे साथ ही 11 बहुमूल्य जेमस्टोन, तीन मोबाइल फोन, जरूरी दस्तावेज और दो एटीएम कार्ड पुलिस के सामने मुझे मिले जिन्हें मैं अपने कब्जे में वापस चाहती थी परंतु पुलिस द्वारा मेरी यह अति संवेदनशील सामग्री भी मुझे प्रधान नहीं की गई और मात्र यह सामान देने के लिए मुझसे एक तरफा कंप्रोमाइज करवाने का प्रयास किया गया।”
ईस्ट व्यू अपार्टमेंट जहां दूसरी मंजिल पर यह सारा सामान रखा हुआ है वहां केवल पार्किंग में कैमरा है। सोनिया आनंद रावत और ममता शर्मा इत्यादि किसी को भी चाबी देकर उनका कीमती सामान अभी भी गायब करवा सकते हैं जिसको लेकर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। आरुषि ने कहा कि जब तक एक महिला जीवित है उसके विरुद्ध हो रहे अपराधों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, जब उनके जैसी सशक्त महिला के साथ ऐसा घोर अन्याय हो सकता है तो इस देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है।