रंजीत संपादक
रूद्रपुर। मेयर रामपाल का कार्यकाल खत्म होने पर कांग्रेसियों ने मिष्ठान वितरित कर खुशी मनाई। इस दोरान कांग्रेस नेताओं ने मेयर के कार्यकाल को फ्लॉप करार दिया और उन पर झूठे वायदे कर जनता को छलने के आरोप लगाये।
जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा एवं महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा की अगुवाई में शनिवार को बड़ी संख्या में कांग्रेसी नगर निगम के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने मेयर के कार्यकाल को फ्लाप बताते हुए उनका कार्यकाल खत्म होने पर मिष्ठान वितरण कर खुशी मनाई। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने कहा कि मेयर रामपाल अब तक के सबसे कमजोर और नकारा मेयर साबित हुए हैं। उन्होंने पांच साल तक शहर की जनता को सिर्फ झूठे वायदों से छलने का काम किया है। उनके खाते में कोई भी बड़ी उपलब्धि नहीं है। पांच साल तक वह चंद लोगों की कठपुतली बने रहे जिसके चलते आज विकास के मामले में रूद्रपुर पिछड़ गया है। रामपाल ने चुनाव के समय जो वायदे किये थे उनमें से एक भी वायदा वह पूरा नहीं कर पाये। मेयर ने किच्छा रोड स्थित कूड़े के पहाड़ को हटाने का वायदा किया था, इस काम में लाखों रूपये बाहर के लोगों पर लुटा दिये गये लेकिन कूड़े का पहाड़ आज भी जस का तस है। कल्याणी नदी को पुनर्जीवित करने का वायदा भी पूरी तरह फ्लाफ साबित हुआ है। नजूल भूमि पर मालिकाना हक नहीं मिलने तक मेयर ने कुर्सी पर नहीं बैठने की कसम खाई थी लेकिन किसी को मालिकाना हक मिले ही मेयर बेशर्मी से कुर्सी पर बैठ गये। यह सिर्फ उनकी नौटंकी थी। उनके कार्यकाल में एक भी व्यक्ति को नजूल पर मालिकाना हक का पट्टा नहीं मिला है। जो नजूल नीति बनायी गयी है उसका लाभ भी मात्र बीस प्रतिशत लोगों को ही मिल पायेगा। अस्सी प्रतिशत लोग आज भी नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए धक्के खाने को मजबूर हैं। जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने कहा कि शहर में पांच साल पहले भी जलभराव की जो समस्या थी आज भी वह समस्या बरकरार है। जिसका खामियाजा हर बार शहर के लोगों को भुगतना पड़ता है। जब भी बाढ़ आती है मेयर और भाजपा के अन्य नेता घड़ियाली आंसू बहाते नजर आते हैं लेकिन धरातल पर इस मामले में कोई कुछ नहीं करता। मेयर रामपाल ने पांच साल में जनता को सिर्फ झूठे वायदे दिये हैं ऐसे मेयर से मुक्ति मिलना पूरे शहर के लिए खुशी की बात है। आने वाले निकाय चुनाव में जनता मेयर के झूठे वायदों का जवाब देगी।
महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने कहा कि मेयर रामपाल पूरे उत्तराखण्ड के निकायों में सबसे कमजोर जनप्रतिनिधि साबित हुए हैं। उन्होंने पांच साल सिर्फ झूठी घोषणाओं में बिता दिये। उनका अपनी ही पार्टी के लोगों से सही तालमेल नहीं रहा। खुद उन्ही की पार्टी के लोग उनकी टांग खिंचाई में लगे थे जिसके चलते पांच साल तक विकास कार्योंं पर ब्रेेक लगा रहा और मेयर जनता को झूठे सब्जबाग दिखाते रहे। मेयर के पद पर किसी जिम्मेवार और अनुभवी व्यक्ति को कमान मिलती तो आज रूद्रपुर की तस्वीर कुछ और होती। आज विकास के मामले में रूद्रपुर बहुत पिछड़ गया है इसके लिए पूरी तरह मेयर रामपाल जिम्मेवार हैं। रूद्रपुर को इंदौर बनाने का वायदा करने वाले मेयर शहर सुंदर बनाना तो दूर कचरे के पहाड़ से भी मुक्ति नहीं दिला सके। उनका पूरा कार्यकाल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहा। नगर निगम के निविदाओं में चंद लोगों को फायदा पहुंचाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गयी। श्रेय लेने के लिए जाते जाते भी मेयर तेरह करोड़ के विकास कार्यों की झूठी घोषणाएं कर गये। सीपी शर्मा ने कहा कि मेयर रामपाल का कार्यकाल रूद्रपुर के लिए कलंक साबित हुआ है। इससे मुक्ति मिलने की खुशी में ही आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिष्ठान वितरित कर खुशी मनाई है। मेयर ने कहा कि जनता अब भाजपाईयों के जुमलों में फंसने वाली नहीं है। आने वाले निकाय चुनाव में भाजपा को सबक सिखायेगी और निगम में कांग्रेस का परचम लहरायेगा।
इस अवसर पर पार्षद मोहन खेड़ा, पवन वर्मा, सौरभ चिलाना, राजकुमार भुसरी, नंद किशोर गंगवार, योगेश चौहान, ममता रानी,सुनील कुमार, सुनील आर्या, डा. अजय सिंह, गोपाल भसीन, गब्बर कोली, विनोद कुमार, अनिल कुमार, शंभू चौहान, गुरदेश सिंह, अर्जुन विश्वास, नव कुमार साना, असीत बाला, आसिम पाशा, शहजान अंसारी, शुफियान कुरैशी, सतीश कुमार, बेदी शिंगर, ज्योति टमटा, शोभा उपाध्याय, गीता, उमा सरकार, मनोज कुमार सिंह, हरेन्द्र पाल, पवन गंगवार, शुभम रस्तौगी, निजाम गुडडू, उमेश सिंह, राकेश कोहली, पप्पू कोहली, दिलशाद अलवी, किशन पाल, सुनील राठौर, सुलेमान, विरेन्द्र कोली, विपिन कोहली, जमील अहमद, छत्रपाल सिंह, ओमप्रकाश गंगवार, सुरेश यादव, जयदीप सिंह, रिंकू, सचिन, दीपक, मनोज, सुमन गंगवार, दीप्ती गर्ग,वजीर अहमद, करीम कुरैशी, अजीज खां, शुभान, भूपेन्द्र कुमार, बिट्टू मिश्रा, रंजीत चौध्री, सुरेश गंगवार, उमेश गंगवार, जितेन्द्र ठाकुर , उमरान, अरबाज, नासिर अंसारी, अबरार अंसारी, नारायण घोष, खागोपति विश्वास, राजकुमार सिंह, विमल घरामी, नवीन खेतवाल, राध्ेश्याम बंसल, बाबू विश्वकर्मा, सतीश कुमार, आदि समेत तमाम कांग्रेसी थे।