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पत्रकार के साथ कार डीलिंग में धोखाधड़ी, आरोपी करन ढाली फरार, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

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रंजीत संपादक

रुद्रपुर (उधम सिंह नगर)। जनपद उधम सिंह नगर में धोखाधड़ी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक पत्रकार को कार दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा। पीड़ित पत्रकार ने इस मामले की तहरीर पुलिस को सौंपते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के अनुसार संजय नगर खेड़ा वार्ड नंबर 11 निवासी रंजीत मिस्त्री पुत्र स्वर्गीय गोविंद मिस्त्री ने बताया कि वे उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं और समाचार संकलन के लिए पूरे जिले में लगातार आना-जाना करते रहते हैं। इस कारण उन्हें आवाजाही के लिए एक कार की आवश्यकता महसूस हुई। इसी जरूरत का फायदा उठाकर ठगों ने उनके साथ बड़ी धोखाधड़ी कर दी। पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, 14 नवंबर 2024 को बिलासपुर, रामपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी करन ढाली पुत्र कृष्ण पद दासी, जो मैसर्स नंदलाल कार बाजार के नाम से वाहन बिक्री का कारोबार करता है, रंजीत मिस्त्री के घर आया। वहां उसने उन्हें एक कार संख्या UK06 BD 6708 दिखाते हुए 2,50,000 रुपये की कीमत पर सौदा तय कर दिया। पीड़ित का कहना है कि सौदा तय होते ही उन्होंने आरोपी करन ढाली को अपने घर पर ही गूगल पे के माध्यम से ढाई लाख रुपये अदा कर दिए।

लेकिन कार देने का वादा करने के बाद आरोपी ने अब तक न तो वाहन दिया और न ही रुपये लौटाए। पत्रकार रंजीत मिस्त्री का आरोप है कि कई बार याद दिलाने और रुपये वापस करने की मांग करने पर भी करन ढाली टालमटोल करता रहा। इतना ही नहीं, उसने खुले तौर पर धमकी देते हुए कहा कि न तो वह कार देगा और न ही पैसे लौटाएगा, “जो करना है कर लो। पीड़ित ने पुलिस को सौंपे आवेदन में आरोपी का मोबाइल नंबर भी दर्ज कराया है और साफ तौर पर कहा है कि करन ढाली ने बदनीयती से कार का सौदा किया और उनका 2.50 लाख रुपये हड़प लिए। पत्रकार ने पुलिस से आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले के उजागर होने के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि आए दिन हो रही ठगी की घटनाएं आम लोगों की कमाई पर डाका डाल रही हैं और अब पत्रकार जैसे जागरूक वर्ग भी इनके शिकार हो रहे हैं। वहीं, यह घटना प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है कि आखिर कब तक इस तरह के फर्जी कार बाजार और बिचौलिए सक्रिय रहेंगे।पीड़ित पत्रकार ने भरोसा जताया कि पुलिस निष्पक्ष जांच कर आरोपी से न केवल रुपये वापस दिलाएगी बल्कि ऐसे लोगों को कानून के शिकंजे में भी कसकर सख्त संदेश देगी। फिलहाल, पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि कब तक आरोपी को पकड़कर पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाया जाता है।

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