Home अपराध वीर बाल दिवस पर चार साहिबज़ादों को दी गयी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

वीर बाल दिवस पर चार साहिबज़ादों को दी गयी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

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रंजीत संपादक

रूद्रपुर।वीर बाल दिवस के अवसर पर आवास विकास स्थित चार साहिबज़ादे चौक पर एक भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद अजय भट्ट उपस्थित रहे। उनके साथ विधायक शिव अरोरा, महापौर विकास शर्मा, भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता तथा सिख समाज के सम्मानित लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने गुरु गोबिंद सिंह महाराज के चार साहिबज़ादों के अद्वितीय बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम स्थल पर चार साहिबज़ादों के त्याग, साहस और धर्मनिष्ठा को दर्शाने वाली एक विशेष चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी के माध्यम से साहिबज़ादों के जीवन, उनके संघर्ष और बलिदान की ऐतिहासिक घटनाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा। कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने साहिबज़ादों के बलिदान से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

मुख्य अतिथि सांसद अजय भट्ट ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज के चार साहिबज़ादों का बलिदान भारतीय इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। उन्होंने कहा कि चारों साहिबज़ादों ने धर्म की रक्षा के लिए कभी अपना सिर नहीं झुकाया और अत्याचार के सामने अडिग रहकर अपने प्राणों का बलिदान दिया।

सांसद भट्ट ने कहा कि मुगल शासन के अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए गुरु गोविंद सिंह जी के ज्येष्ठ पुत्र साहिबज़ादा अजीत सिंह और साहिबज़ादा जुझार सिंह ने रणभूमि में वीरगति प्राप्त की। वहीं, उनके छोटे पुत्र 7 वर्षीय साहिबज़ादा फतेह सिंह और 9 वर्षीय साहिबज़ादा जोरावर सिंह को मुगल शासकों द्वारा अमानवीय यातनाएं देकर जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह बलिदान देशवासियों को सदैव यह संदेश देता रहेगा कि धर्म और राष्ट्र की रक्षा सर्वाेपरि है।

सांसद अजय भट्ट ने यह भी उल्लेख किया कि मुगल शासकों ने साहिबज़ादा फतेह सिंह और जोरावर सिंह को झुकाने के लिए जेल का दरवाजा जानबूझकर छोटा रखा था, लेकिन दोनों बाल वीर बिना सिर झुकाए उसी दरवाजे से गुजर गए। उन्होंने कहा कि ऐसे अद्भुत साहस और बलिदान के कारण ही अत्याचारी शासकों को अंततः देश छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि चित्रों के माध्यम से चारों साहिबज़ादों के बलिदान का इतिहास मानो आंखों के सामने सजीव हो उठा है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे साहिबज़ादों के बलिदान का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा।

विधायक शिव अरोरा ने अपने संबोधन में कहा कि चारों साहिबज़ादों का बलिदान हमें धर्म और देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, सत्य और धर्म के लिए निर्भीक होकर खड़े रहने की सीख देता है।

महापौर विकास शर्मा ने कहा कि चार साहिबज़ादों का बलिदान केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में देशभक्ति, साहस और नैतिक मूल्यों का संचार होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने का निर्णय आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।

कार्यक्रम के दौरान सेवा भावना के तहत दूध का लंगर भी वितरित किया गया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल,जिला कार्यक्रम संयोजक इंद्रपाल सिंह मान, कार्यक्रम संयोजक हरविंदर सिंह चुघ, जिला महामंत्री तरुण दत्ता, दर्जा राज्यमंत्री उत्तम दत्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना, किरन विर्क, पूर्व मेयर पति सुरेश कोहली, जिला कार्यालय मंत्री मोर सिंह, मीडिया सयोजक विजय तोमर, मण्डल अध्यक्ष मुकेश पाल, मण्डल महामंत्री जीतेन्द्र संधू, गुन्नू चौधरी,सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता एवं सिख समाज के सम्मानित भाई-बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन श्रद्धा, संकल्प और राष्ट्रभक्ति के भाव के साथ किया गया।

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