रंजीत संपादक
रुद्रपुर सिडकुल क्षेत्र में मासूम छात्र अंकित गंगवार की निर्मम हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पिता ही था। पुलिस ने हत्यारोपी पिता को गिरफ्तर कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया उसने कहा कि वह बेटे की शैतानी और चोरी की हरकतों से परेशान था। बता दें आजाद नगर ट्रांजिट निवासी 14 वर्षीय अंकित ट्रांजिट कैम्प के गुरूकुल स्कूल में छठी कक्षा का छात्र था। मंगलवार को उसका शव सिडकुल क्षेत्र में झाड़ियों में मिला था। अंकित की दोनों आंखे कुचली हुई थीं। खाल उघड़ी हुई और उसकी शर्ट से उसका गला बंधा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि किसी ने निर्ममता से उसकी हत्या की है। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने खुलासे के लिए कई टीमों का गठन किया। छानबीन में जुटी पुलिस को शुरू से ही संदेह मृतक के किसी करीबी पर था। पुलिस ने जब सीसी टीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि मृतक अपने पिता देवदत्त गंगवार के साथ ही सिडकुल तक साईकिल पर बैठकर गया था। पुलिस ने बाद में मृतक का स्कूल बैग भी उसके घर से बरामद कर लिया। जिसके बाद पुलिस का शक मृतक के पिता पर गहरा गया और उसको हिरासत में लेकर पुलिस ने कड़ी पूछताछ की। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि मृतक के पिता देवदत्त गंगवार ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है। हत्यारा पिता मृतक की चोरी और शैतानियों से परेशान था। हत्यारोपी देव दत्त गंगवार कल दिन भर पुलिस को गुरामह करता रहा। वह पुलिस के सामने घड़ियाली आंसू बहाता रहा ताकि उस पर कोई शक ना हो। लेकिन उसका ड्रामा ज्यादा देर नहीं चल पाया। घटना के कुछ घंटों बाद ही पुलिस का शक उस पर पक्का हो गया और पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सनसनी खेज हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया। आरोपी पिता ने अंकित की कमीज से ही उसका गला घोंटा और जब उसकी आंखें बाहर निकल आयी तो आंखों को अंदर ठूंस दिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि अंकित आये दिन उसके पैसे चुरा लेता था। पुलिस ने हत्यारोपी को कोर्ट में पेश किया जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया है। खुलासा करने वाली टीम में इंसपेक्टर सुंदरम शर्मा, मोहन चन्द्र पाण्डे, एसओ नंदन सिंह रावत, एएसआई प्रकाश चन्द्र बवाड़ी,कांस्टेबल श्याम सुन्दर बिष्ट,धर्मेन्द्र कुमारआदि शामिल थे।