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गांधी पार्क में अंडरग्राउण्ड पार्किंग का प्रस्ताव स्थगित भविष्य में भी गांधी पार्क के अस्तित्व को नहीं आने देंगे आंचः ठुकराल

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रंजीत संपादक

रूद्रपुर। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा कि उनके द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयासों के बाद आखिरकार गांधी पार्क में अंडरग्राउण्ड पार्किंग बनाने का प्रस्ताव स्थगित हो गया है। उन्होंन कहा कि निजी स्वार्थों के चलते अगर पुनः गांधी पार्क को खुर्द बुर्द करने की कोशिश की गयी तो आर पार की लड़ाई लड़ी जायेगी।

सिटी क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा कि गांधी पार्क शहर का एकमात्र सबसे बड़ा पार्क है यहां पर तमाम तरह के राजनैतिक धार्मिक और सामाजिक और खेलकूद के कार्यक्रम दशकों से होते आ रहे हैं। लेकिन कुछ समय पूर्व कुछ लोग अपने निजी स्वार्थों के चलते गांधी पार्क को खुर्द बुर्द कर इसमें अंडरग्राउण्ड पार्किंग और शॉपिंग काम्म्पलेक्स बनाने का सपना देख रहे थे। इसके लिए बकायदा पूरा खाका तैयार हो चुका था। गांधी पार्क में अंडरग्राउण्ड पार्किंग के लिए बकायदा डीपीआर भी तैयार हो चुकी थी। उत्तराखण्ड पेयजल निगम को कार्यदायी संस्था बनाकर गांधी पार्क में अंडरग्राउण्ड पार्किंक बनाने का पूरा ताना बाना तैयार हो चुका था। ठुकराल ने बताया कि रूद्रपुर के एकमात्र सबसे बड़े पार्क को खुर्द बुर्द होने से बचाने के लिए उन्होंने शुरू से ही मोर्चा खोल रखा था। विरोध प्रदर्शन के साथ ही जिला प्रशासन से लेकर शासन तक कई बार इस सम्बंध में पत्रचार किया गया। उन्होंने इस मामले में सूचना अधिकार अधिनियम का भी सहारा लिया। जरूरत पड़ने पर उन्होंने एनजीटी में शिकायत करने की भी तैयारी की थी। लेकिन सूचना अधिकार से जो जानकारी सामने आयी उसके बाद विकास प्राधिकरण और पेयजल निगम बैक फुट पर आये गये। सूचना से जानकारी मिलने के बाद पता चला कि गांधी पार्क में पार्किंग का निर्माण पर्यावरण और जनहित को देखते हुए अनुकूल नहीं है। ठुकराल ने कहा कि शहर के बीच हरियाली का एकमात्र स्थान गांधी पार्क है, इस पर पार्किंग और शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया गया तो भविष्य में इसके गंभीर दुष्परिणाम सामने आयेंगे जिसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता था। यह मुद्दा उन्होंने शासन में उठाने के साथ ही शहर में अन्य खाली पड़े स्थानों पर पार्किंग बनाने के सुझाव भी दिये। गांधी पार्क को लेकर जब सूचना अधिकार के अंतर्गत कई सवालों के जवाब मांगे तो प्रशासन कई सवालों के जवाब ही नहीं दे पाया और बैकफुट पर आ गया जिसके बाद आखिरकार विकास प्राधिकरण ने अंडरग्राउण्ड पार्किंग के निर्माण का फैसला वापस ले लिया है और यह प्रस्ताव स्थगित हो गया है।

पूर्व विधायक ने प्रस्ताव स्थगित होने पर प्राधिकरण और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। ठुकराल ने कहा कि भविष्य में स्वार्थी तत्वों ने पुनः गांधी पार्क के अस्तित्व को खत्म करने की कोशिश की तो ईट से ईट बजा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए भूख हड़ताल पर बैठने से भी पीछे नहीं हटेंगे। श्री ठुकराल ने बताया कि गांधी पार्क के साथ ही पिछले दिनों उद्यान विभाग की बेशकीमती जमीन को भी बेचने की साजिश रची गयी थी, उसके खिलाफ भी उन्होंने पुरजोर ढंग से आवाज उठायी जिसके बाद फिलहाल उद्यान विभाग भी खुर्द बुर्द होने से बच गया है। उन्होंने कहा कि फाजलपुर महरौला में भी बेशकीमती भूमि पर भू माफियाओं की गिद्ध दृष्टि लगी है, उन्होंने कहा कि शहर वासियों की जनभावनाओं से खिलवाड़ किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा निजी स्वार्थों की खातिर शहर को बर्बाद करने की कोशिश करने वालों को जनता आने वाले समय में करारा सबक सिखायेगी। ठुकराल ने किच्छा बाईपास रोड निर्माण के नवीनीकरण को लेकर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि यह सड़क बिल्कुल ठीक हालत में थी इसके बावजूद बजट को ठिकाने लगाने के लिए इस सड़क पर पुनः लेयर डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर बिना वजह लेयर डालने के बजाय इस बजट का उपयोग ट्रांजिट कैम्प या अन्य किसी सड़क के निर्माण में कराया जान चाहिए था। पत्रकार वार्ता में राजू भुसरी, त्रिलोचन सिंह,संजय ठुकराल, ललित बिष्ट, गोविंद राय, राजवीर सिंह विर्क आदि भी मौजूद थे।

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