रंजीत संपादक
उत्तराखंड में कंजंक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। गुरुवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं।राज्य के सभी जिला अस्तपालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा होते देख अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से आइसोलेट होने को कह रहा है। स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि अगर आपको अपनी आंखों में फ्लू के लक्षण दिखाई दें तो देरी न करें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। खुद से ही किसी भी दवाई या आई ड्रॉप का इस्तेमाल न करें, इससे जोखिम बढ़ सकता है। आई फ्लू किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है।
आई फ्लू के लक्षण
आंखों में लाली आना।
लगातार खुजली जलन होना, धुंधली दृष्टि व नम आंखें होना।
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, सूजी हुई पलकें।
पलकों का पपड़ीदार होना और देखने में परेशानी होना।
संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?
आई फ्लू फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है।
अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।
जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।
विशेषज्ञ से संपर्क करके इलाज करायें।
घर से बाहर या धूल में निकलने से पहले चश्मा पहनना।
अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें।
क्या ना करें
खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।
आंखे ठीक होने तक आपको कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचना चाहिए।