रंजीत संपादक
हम अक्सर पुलिसकर्मियों का नाम सामने आते ही उन बारे में तरह-तरह से सोचने लगते है और शायद अक्सर उनके बारे में गलत विचार को अपने मन में जन्म दे देते है लेकिन ऐसा करना एक साधारण इंसान की सबसे बड़ी भूल हो सकती है। वर्दी पहने वालो में भी कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके चलते पुलिस विभाग का सीना गर्व से फूल जाता है। यहा आपको बता दे जिस पुलिसकर्मी की हम बात कर रहे है पूरे देश और विदेशो में उस प्रदेश की पुलिस को मित्रता, सेवा, सुरक्षा के लिए जाना जाता है। और मित्रता,सेवा,सुरक्षा इन शद्बों को सही मायने में चरितार्थ करने के साथ मानवता की सच्ची मिशाल पेश की उत्तराखंड जनपद ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर कोतवाल विक्रम राठौर ने। दरअसल कुछ दिन पूर्व अपनी फरियाद लेकर एक युवक जब रुद्रपुर कोतवाली पहुंचा तो कोतवाल विक्रम राठौर की नजर उस पर पड़ी। वह एक विकलांग युवक था। जिसको उनके पास तक आने में काफी दिक्क्त का सामना करना पड़ रहा था। उसे दिख कोतवाल विक्रम राठौर पहले तो कुछ देर उदास और गुमसुम हो गए और फिर मन ही मन उसकी सारी परेशानी का अंदाजा लगा लिया। इतना ही नहीं इस दौरान कोतवाल विक्रम राठौर ने मन ही मन उस विकलांग युवक लिए कुछ करना का सोच लिया। अपने पास आए विकलांग युवक की पहले तो उन्होंने पूरी फरियाद सुनी, फिर बोले दोस्त अगली बार जब आप कोतवाली आओगे तो जैसे आए हो वैसे जाओगे नहीं ये मेरा वादा है।
एक फिल्मी डाइलाक़ शायद जो आपने भी जरूर सुना होगा कि जो मैं कहता हूँ वो मैं करता हूं…और हां जो मैं नहीं बोलता हूं वो मैं डेफिनेटली करता हूं…. जी हां खिलाडी कुमार का ये बेहद ही फेमस डायलाग फिल्म राउडी राठौर का है। इस फ़िल्म में गरीबों का मसीहा बनकर खाकी वर्दी में विक्रम राठौर के किरदार में अक्षय कुमार नजर आये है। लेकिन हमारे विक्रम राठौर रील राठौर नहीं बल्कि रियल लाइफ के राठौर। जो गरीबों के लिए वास्तव में मसीहा है। और वो हमेशा अपनी बात को डेफिनेटली पूरा करते हैं।
इस सच्ची घटना में कुछ दिनों बाद विकलांग युवक की समस्या के समाधान होने के बाद जब कोतवाली बुलाया जाता है तो कोतवाली परिसर में प्रवेश करते ही युवक की आंखों में आंसू आ जाते है। क्योंकि वहां पहले से मौजूद कोतवाल विक्रम राठौर एक नई इलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल के साथ खड़े थे और युवक को यह समझते देर नहीं लगी कि रियल लाइफ के राठौर ने अपना वादा पूरा करते हुए उसके लिए एक लेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल मंगवा ली है। और आज वह कोतवाली से उस पर सवार होकर अपने घर जाएगा। युवक इस बात से काफी खुश था कि रियल लाइफ के कोतवाल विक्रम साहब ने अपना वादा निभाते हुए उसे बैटरी से चालित होने वाली ट्राई साइकिल दिलाई है,हालांकि इस काम में कोतवाल विक्रम राठौर ने उनके सहयोगी मनीष और कमल ने भी पूरा साथ दिया था। इस दौरान ये पूरा दृश्य देख कोतवाली के सभी कर्मचारी बेहद ही भावुक हो गये। हर कोई उनके इस काम की सराहना करने लगा। राठौर ने उस युवक की हौसला अफजाई की और मिठाई खिलाकर उसे लेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल के साथ विदा किया। इस सच्ची घटना को जिसने भी सुना और देखा वो कोतवाल विक्रम राठौर की सराहना करने लगा।